Friday, April 16, 2010

ईस्वर या इन्सान

एक दिन एक मंदिर में एक व्यक्ति की एक दुर्घटना में काफी ज्यादा चोटें लगी थीखून बह रहा थाकोई भी उधर से गुजरता तो देखता और निकल लेताएक व्यक्ति ऐसा भी आया जिसने उसे उठाया और अपने कपड़ों आदि की चिंता छोड़ कर उसे अस्पताल ले गयामंदिर के किसी भी पुजारी या प्रबंधन ने जहमत नहीं उठाई कि उसे किसी भी अस्पताल में भारती करा दिया जायेभगवन के दरबार में ऐसे लोगो का क्या स्थानभगवान भी ऐसी स्थिति में नहीं कि उसे ठीक कर सकेजो व्यक्ति अस्पताल ले गया उसके कपडे भी ख़राब हुए लेकिन वह आदमी बच गयाअब सोंचो कि भगवान कौन हुआ

वह आदमी या मंदिर का भगवान या मंदिर से भगवान का व्यापर करने वाले लोग

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